२२ नवम्बर २००९ को "रूसी नवम्बर क्रांति का महत्व और उसके सबक" विषय
पर हुए कन्वेंशन के कुछ दृष्य
"दैनिक जागरण" (२३ नवम्बर २००९) में प्रकाशित ख़बर
हौल में बैठे हुए कामरेड और दूसरे संगठनों के अतिथि लोग
इफ्टू के कामरेड सुनील पाल बोलते हुए
"जब सर्वहारा विजयी होता है, तो वह समाज का कदाचित निरपेक्ष पहलू नहीं बनता है, क्योंकि वह केवल अपना और अपने विरोधी का उन्मूलन करके ही विजयी होता है. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है.."
२२ नवम्बर २००९ को "रूसी नवम्बर क्रांति का महत्व और उसके सबक" विषय
पर हुए कन्वेंशन के कुछ दृष्य
"दैनिक जागरण" (२३ नवम्बर २००९) में प्रकाशित ख़बर
हौल में बैठे हुए कामरेड और दूसरे संगठनों के अतिथि लोग
इफ्टू के कामरेड सुनील पाल बोलते हुए
It is very good. Let us prepare for Russian Like Revolution in India
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