Saturday, September 26, 2009

इशरत जहां के कातिलों को सजा दो और भारत में अबतक हुए सभी मूठभेड़ों की जांच कराई जाए.

हम सभी को मालूम है न्यायविद तमांग ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह साफ़ कह दिया है कि इशरत का कोई सम्बन्ध पाकिस्तानी आतंकियों से नहीं है, इसलिए यह हम सभी का फ़र्ज़ बनता है कि हम इशरत जहां के कातिलों को सजा देने के लिए आवाज़ उठाएं। यही नहीं हमें हिन्दुस्तान में हुए तमाम मूठभेड़ों की न्यायिक जांच के लिए भी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए।
यह याद रखने की जरूरत है कि झूठे मूठभेड़ों में मार दिए जाने वालों में वैसे लोग भी हैं जो जनता के तरफ से इमानदारी से आवाज़ उठाने वाले हैं। क्रांतिकारियों के साथ भी आज से नहीं वर्षों से ऐसा हो रहा है। इस मामले में तो पूरा देश ही मूठभेड़ों का देश बनता जा रहा है। जब किसी झूठे मूठभेड़ पर से परदा उठाता है तभी जा कर आम आदमी को यह मालूम हो पाटा है कि हमारे देश में पुलिस व्यवस्था किस तरह से काम कराती है और यह कितनी घोर जनविरोधी है। इसलिए आपका और हम सबका यह फ़र्ज़ बनता है कि हम अपने और दूसरों के जनवाद के लिए लड़ें। एकमात्र तभी हम अपने देश को हिटलरशाही से बचा सकते हैं।

3 comments:

  1. इशरत जहां के कातिलों को सजा दो और भारत में अबतक हुए सभी मुठभेड़ों की जांच कराई जाए.............इशरत जहां के कातिलों को सरेआम फांसी सी जानी चाहिए....................

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  2. आपने सही कहा----------- इशरत जहां के कातिलों को सजा दो और भारत में अबतक हुए सभी मुठभेड़ों की जांच कराई जाए.............इशरत जहां के कातिलों को सरेआम फांसी सी जानी चाहिए....................

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