Friday, December 4, 2009

देश के सभी राज्यों के गरीब व मेहनतकश लोगों एक हो !
गरीब और मेहनतकश लोग अपनी एकता के बल पर ही अपनी सुरक्षा कर पाएंगे और अपने हक़ अधिकार के लिए लड़ पाएंगे!!
पंजाब (लुधियाना) सहित अन्य जगहों पर बिहारी प्रवासी मजदूरों व कामगारों पर हो रहे जुल्म व अत्याचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें
हम जानते हैं कि पूंजीवादी विकास असमान ढंग से ही हो सकता है। इसलिए पूंजीवादी व्यवस्था में देश के सभी क्षेत्रों का विकास एकसमान रूप से हो ही नहीं सकता है। यही कारण है कि आज पंजाब, मुंबई, दिल्ली आदि विकसित क्षेत्र बन गए हैं, तो बिहार, उत्तरप्रदेश आदि पिछड़े हुए रह गए हैं जहाँ के गरीब मजदूर लोग अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए विकसित क्षेत्रों में पलायन करने के लिए बाध्य होते हैं। इसके लिए अगर कोई दोषी है, तो वह पूंजीवादी व्यवस्था है जिसकी ख़ास तरह की उत्पादन पद्धति के कारण बिहार जैसे राज्यों को मजदूर-सप्लाई का प्रदेश बनना पड़ा है। अगर बिहार नहीं बनता तो किसी और राज्य को श्रम-सप्लाई वाला राज्य बनना पड़ता। इतना ही नहीं, सस्ते श्रम की प्रचुरता हो ताकि शोषण को ज्यादा से ज्यादा तीव्र किया जा सके इसके लिए जानबुझ कर "गरीब क्षेत्र'' रखे व बनाये जाते हैं। तभी तो जीवन-यापन से वंचित श्रमिकों की विशाल फौज खड़ी होगी जिनका पूंजी मनमाफिक ढंग से शोषण कर सकती है। पंजाब, लुधियाना, चंडीगढ़, फरीदाबाद, नोएडा जैसे नए औद्योगिक क्षेत्रों में आजकल इसी बात का खुलेआम नज़ारा देखने को मिल रहा है। मजदूरों को एक तरफ मनसे और राज ठाकरे जैसे गुर्गों के द्वारा क्षेत्र और राज्य के आधार पर बांटा जाता है तो दूसरी तरफ उनके विरोध को दबाने में यहाँ तक कि उनके आन्दोलन को रक्तरंजित कर देने के लिए शुरू से ही कोशिश शुरू हो जाती है।
कल जिस तरह लुधियाना में बिहार से आए मूलतः कृषि मजदूरों का गुस्सा फूटा और जिस वहशी अंदाज़ में पुलिस वालों और मिल मालिकों के गुंडों नें मजदूरों के साथ व्यवहार किया, वह सब इसी बात के प्रमाण हैं। जाहिर है, सभी न्याय पसंद लोगों को इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए।

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