नया वर्ष हमारे सभी साथियों के लिए मंगलमय हो !
नए वर्ष में न्यायपूर्ण उद्देश्यों की जीत हो!!
पूंजी की दासता और गुलामी का एक और वर्ष बीत गया ! आइये, नए वर्ष में न्याय की जीत हो और गुलामी का खात्मा हो, हम सभी इस बात की कामना और कोशिश करें !!
"जब सर्वहारा विजयी होता है, तो वह समाज का कदाचित निरपेक्ष पहलू नहीं बनता है, क्योंकि वह केवल अपना और अपने विरोधी का उन्मूलन करके ही विजयी होता है. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है.."
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
ReplyDelete- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी